- छः माह पूर्व मृतक हो चुके दम्पत्ति को लगी कोविड टीके की दूसरी डोज
- डीएम ने मामले को ज्ञापन ले दिए जांच के आदेश
अरबिंद श्रीवास्तव, ब्यूरो चीफ
बांदा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वैक्सीनेशन के प्रति कितने जिम्मेदार है। इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छाः माह पूर्व दिवंगत हो चुके पति-पत्नी को वैक्सीनेशन की दूसरी डोज लगाने का मैसेज उनके परिजनों के मोबाइल में पहुंच गया। जिससे परिजन सकते में आ गये। सूत्रों की माने तो जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। कर्मचारियों ने मृत बुजुर्ग दंपति को कोरोना वैक्सीन लगाने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया है। जबकि बुजुर्ग की मौत 25 जुलाई 2021 को हुई थी, जबकि 3 फरवरी 2022 को उनको वैक्सीन की दूसरी डोज लगाना दिखाया गया है। इस परिवार के साथ यह दूसरा मौका है, जब उनके किसी मृत बुजुर्ग को कोरोना का टीका लगा है।
इस संबंध में शहर के सर्वादय नगर निवासी वरिष्ठ पत्रकार आलोक निगम ने बताया कि उनके पिता ललित बिहारी निगम की 25 जुलाई 2021 को मौत हो गई थी। इसके पहले उन्हें पहली डोज लगाई गई थी। दूसरी डोज लगने से पहले की उनकी मौत हो गई थी। शुक्रवार को मोबाइल पर मैसेज आया कि उनको वैक्सीनेशन की दूसरी डोज लगा दी गई। इसी तरह मेरी मां का निधन 27 अप्रैल 2021 को हुआ था उनके मरने के छह माह बाद वैक्सीन लगाने का मैसेज आया था। इस मामले की शिकायत की गई थी। तब भी जांच के आदेश हुए थे और अब एक बार फिर जिलाधिकारी ने मामला संज्ञान आने पर जांच के आदेश दिए हैं।
पत्रकार आलोक निगम का कहना है कि मृत व्यक्तियों के वैक्सीन लगाकर आखिर प्रशासन क्या कर रहा है। कहीं ऐसा तो नहीं वैक्सीन लगाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए लोगों को फर्जी तरीके से वैक्सीन लगाई जा रही है। बताते चलें कि इसी तरह जिले में एआरटीओ रहे राजेश वर्मा ने वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी, बिना दूसरी डोज लगाए उन्हें दूसरी डोज लगाने का मैसेज आया था। डीएम अनुराग पटेल ने बताया, अभी तक कोई ऐसा मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। आज ऐसा पहला मामला मेरे संज्ञान में आया है। इसकी जांच की जा रही है। कभी कभी टेक्निकल दिक्कतों की वजह से ऐसा हो जाता है।
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